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6 चीज़ें जो पुरुषों को नहीं खानी चाहिए

जिस युग में हम रह रहे हैं, बढ़ती जनसँख्या की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खाद्य सामग्री में मिलावट एक आम बात होती जा रही है।

इसी मिलावट ने हमारी फ़ूड चैन में प्रवेश कर लिया है और हमारे स्वास्थ पर असर डालना शुरू कर दिया है।

यह आर्टिकल उसी खान-पान की चीज़ो को दर्शाता है जो पुरुषों के लिए अस्वस्थ हो चुकी है।

इसमें हम जानेंगे कि ऐसी कौन सी वे चीज़े हैं जो पुरुषों को नहीं खानी चाहिए।

ये सभी चीज़ें जिनकी हम बात कर रहे हैं

वे पुरुषों में ईस्ट्रोजेन की मात्रा को बढ़ाते हैं

और टेस्टोस्टरॉन को कम कर देते हैं।

इसकी वजह से पुरुषों में

  • मांसपेशियों का घनत्व कम होता है
  • ऊर्जा कम होती है
  • जीवन शक्ति कम होती है
  • सहन शक्ति कम होती है

ये पुरुषों में अन्य तरह से भी असर डाल सकती हैं जैसे

वज़न बढ़ना, कामवासना में कमी, तथा नपुंसकता जैसी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न कर सकती हैं

6 चीज़े जो पुरुषों को नहीं खानी चाहिए

1. अलसी

अलसी में बहुत अधिक मात्रा में ईस्ट्रोजेन पाया जाता है।

इसमें ईस्ट्रोजेन की मात्रा सोया से भी अधिक होती है।

अलसी में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो लिग्नन्स नामक पौधे के रसायन होते हैं। क्योंकि लिग्नान शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम कर सकते हैं इसलिए इसे एस्ट्रोजेनिक माना जाता है।

अलसी उन महिलाओं के लिए लेना लाभदायक है जिनका ईस्ट्रोजेन का स्तर कम होता है।

2. सोया

कुछ शोध से पता चलता है कि नियमित रूप से सोया उत्पादों जैसे एडामे, टोफू, सोया दूध और मिसो खाने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट आ सकती है।

सोया की वजह से भी शरीर में ईस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ जाता है।

35 पुरुषों में एक अध्ययन में पाया गया कि 54 दिनों के लिए सोया प्रोटीन आइसोलेट पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो गया था।

3. ग्लाईफोसेट (Glyphosate)

ग्लाइफोसेट एक शाकनाशी (herbicide) है। यह चौड़ी पत्ती वाले पौधों और घास दोनों को मारने के लिए पौधों की पत्तियों पर लगाया जाता है।

यह केमिकल या रसायन खाने-पीने की वस्तुओं के ऊपर छिड़का जाता है।

इसका एकमात्र इलाज है कि हम ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों का सेवन करें।

4. रेड डाई

रेड डाई खाने में मिलाने वाला एक रंग होता है जो कि पेट्रोलियम से बना होता है।

रेड 40 को सबसे जहरीले और हानिकारक खाद्य रंगों में से एक माना जाता है, लेकिन सभी खाद्य रंग वास्तव में संभावित रूप से हानिकारक होते हैं।

इसका उपभोग करने से भी ईस्ट्रोजेन की मात्रा बढ़ती है।

यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनता है।

5. बिना फिल्टर किया हुआ पानी

अगर हम बिना छाने पानी पीते हैं तो बहुत अधिक संभावना होती है कि हम अधिक मात्रा में ईस्ट्रोजेन अपने शरीर में ले रहें हैं

एस्ट्रोजेन हमारी नदियों और झीलों में नगरपालिका के निकासी स्त्रोतों के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं और विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे कि महिलाओं और फीडलॉट के मूत्र से।

वे पुरुषों में एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि का कारण बनते हैं यदि वे अनफ़िल्टर्ड पानी पीते हैं।

प्रदूषण की वजह से पानी में विभिन्न तरह के रसायन मिल चुके हैं।

6. दूध

दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए

मवेशियों को हॉर्मोन्स का इंजेक्शन लगाया जाता है।

जिसका असर दूध में भी आ जाता है।

इसका उपयोग करने से हमारे शरीर में ये हाॅर्मोन चले जाते हैं।

इसलिए बहुत अधिक मात्रा में दूध का सेवन करने से बचना चाहिए।

मिलावट के इस दौर में यह बहुत ज़रूरी हो गया है कि हम अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें। जितना हो सके उतना शुद्ध और साफ़ खाना खाने की हमारी कोशिश रहनी चाहिए।

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