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थके होने के बाद भी नींद क्यों नहीं आती?

क्या आपने कभी गौर किया है कि बहुत ज्यादा थके होने के बावजूद भी आपको नींद नहीं आती।

कुछ दिन – चाहे आप कितनी भी कॉफी का सेवन करें – यह आपकी आँखें खुली रखने के लिए एक संघर्ष है, ऑफिस या घर पर आपको जो काम करने की ज़रूरत है, उन्हें पूरा करने की तो बात ही छोड़िए।

फिर भी अक्सर, जब आप अंत में बिस्तर पर चढ़ते हैं, तो आप अपने आप को पूरी तरह से जागते हुए पाते हैं।

यह परेशान करने वाला है। क्या चल रहा है?

अच्छी नींद ना होने के कारण शरीर में बहुत सी दिक्कतें आ सकती है

इसलिए यह जरूरी है कि हम अच्छी नींद लें।

इस आर्टिकल में हम ऐसे 7 टिप्स को जानेंगे जिनसे आपको बेहतर नींद लेने में मदद मिलेगी।

Tip # 1. सोने से पहले पानी ना पीना

जब भी हम सोने जाने लगते हैं उससे पूर्व पानी पीना एक अच्छा विकल्प नहीं है।

उससे हमें बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ सकता है।

रात में आपका मूत्र उत्पादन कम हो जाता है, जिससे आप बिना किसी रुकावट के छह से आठ घंटे सो सकते हैं। सोने से पहले एक या दो गिलास पानी पीने से यह चक्र बदल सकता है।

डिहाइड्रेशन से बचने और रात में अतिरिक्त पानी के सेवन को रोकने के लिए आपको दिन भर में पर्याप्त पानी पीना चाहिए।

इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप रात के भोजन में कम से कम शक्कर या कार्बोहाइड्रेट्स खाएं

जब भी हमारे शरीर में शक्कर कम होती है, हमें कम प्यास लगती है।

Tip # 2. सीमित मात्रा में कैफीन लेना

रात को सोने से पहले कभी भी चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए।

अधिक चाय या कॉफी हमारी सोने की समस्या को और बढ़ाने में मदद करती है।

कैफीन ऊर्जा के ज़बरदस्त स्त्रोत का कारण बन सकता है क्योंकि यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) को उत्तेजित करता है।

ज्यादातर लोग सुबह उठने में मदद के लिए कॉफी पीते हैं, लेकिन रात में कैफीन का सेवन अच्छे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

एक अध्ययन में देखा गया है कि सोने से 6 घंटे पहले तक कैफीन का सेवन करने से नींद की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है।

सबसे बेहतर विकल्प यह होता है कि हम सुबह एक कप चाय या कॉफी लें।

Tip # 3. बहुत अधिक प्रोटीन ना लें

बहुत अधिक प्रोटीन भी अच्छी नींद ना लेने का कारण बनता है।

प्रोटीन हमारे शरीर में stimulant का काम करता है, जो हमारी नींद को प्रभावित कर सकता है।

हमें अपने शरीर के वज़न के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए।

सबसे बेहतर विकल्प है कि हम 1 ग्राम प्रोटीन 1 किलो वज़न के हिसाब से लें।

Tip # 4. शरीर की ऊर्जा इस्तेमाल कर लें

सोने से पहले बहुत अधिक ऊर्जा भी हमें सोने नहीं देती है।

यदि दिन भर हमारी शारीरिक या मानसिक कसरत नहीं होती है तो रात को भी थकान महसूस नहीं होती है। ऐसे में जल्दी सो पाना मुश्किल होता है।

इसका सबसे अच्छा विकल्प है कि सोने से पहले हम जितना हो सके, उतनी ऊर्जा का इस्तेमाल कर लें।

ऐसा हम कसरत करके या लंबा पैदल चलकर कर सकते हैं।

Tip # 5. नींद आने की पहली wave को पकड़े

जब भी हमें नींद आती है वह 90 मिनट की waves में आती है।

इसका अर्थ है कि हमें अलग-अलग भाग में नींद आती है। पहली wave 10 बजे कि आस-पास आती है यदि हम उसे नहीं पकड़ पते तो दूसरी wave 12 बजे क पास आएगी।

अगर आप एक wave नहीं पकड़ पाते हैं तो आपको दूसरी बार 90 मिनट बाद नींद आएगी।

इसका सबसे अच्छा विकल्प है कि यदि आपको 10:00 बजे तक नींद आने लगती है तो आप सोने चले जाइए।

Tip # 6. दिन में Relax थेरेपी लेने की कोशिश करें

जो लोग रिलैक्स थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं उनमें देखा गया है कि वे बेहतर तरह से सो पाते हैं।

इसका सबसे बेहतर विकल्प है कि

हम सर और शरीर की हल्के हाथ से मालिश करें या मेडिटेशन करने का अभ्यास करें।

आराम से स्नान या शॉवर बेहतर नींद का एक और लोकप्रिय तरीका है।

सोने से 90 मिनट पहले गर्म स्नान करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और लोगों को अधिक गहरी नींद लेने में मदद मिलती है।

ऐसा देखा गया है कि सोने से पहले विश्राम तकनीकों से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और अनिद्रा के इलाज के लिए भी इनका इस्तेमाल होता रहा है।

इन चीज़ों से अच्छी नींद लेने में सहायता प्राप्त होती है।

Tip # 7. EMFs (electromagnetic fields)

EMF हमारे कमरे के आसपास इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड को दर्शाता है।

आज के समय में यह अच्छी नींद ना ले पाने का सबसे बड़ा कारण है।

EMF की वजह से इंसोम्निया (न सो पाने की बीमारी) होने का खतरा रहता है।

इसके लिए हमे ध्यान रखना पड़ता है कि

सोने से पहले हमें सभी उपकरणों को बंद करना ही चाहिए।

सभी तरह के स्विचेस, मोबाइल फ़ोन्स तथा सभी तरह के बिजली वाले उपकरण।

निष्कर्ष

नींद आपके स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाती है।

एक बड़ी समीक्षा ने अपर्याप्त नींद को बच्चों में 89% और वयस्कों में 55% तक मोटापे के बढ़ते जोखिम से जोड़ा है।

अन्य अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकला है कि प्रति रात 7-8 घंटे से कम समय लेने से आपको हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।

यदि आप इष्टतम स्वास्थ्य और कल्याण में रुचि रखते हैं, तो यह अनुशंसा की जाती है कि आप नींद को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और ऊपर दिए गए कुछ सुझावों को शामिल करें।

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