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6 चीजें जो रॉनी कोलमैन हमें सिखाते हैं

रॉनी कोलमैन का नाम बॉडीबिल्डिंग जगत में सबसे ऊपर लिया जाता है।

उनकी जिंदगी भी हम सभी लोगों की तरह उतार-चढ़ाव भरी थी।

फिर भी उन्होंने अपना एक अलग मुकाम बनाया।

उन्होंने ऐसा क्या हटकर किया कि वह ग्रेटेस्ट आफ ऑल टाइम के रूप में जाने जाने लगे।

हाल ही में निकली उनकी आत्मकथा

Yeah Buddy! My Incredible Story हमें उनकी जिंदगी के बारे में 6 महत्वपूर्ण बातें सिखाती है।

हमेशा कर्मशील रहना

“मैंने अपनी मां को हमेशा काम करते देखा मुझे यह समझ में आया कि कठोर परिश्रम सामान्य ही नहीं बल्कि बहुत ही आवश्यक है”

यह वाक्य रॉनी कोलमैन कि मनोस्थिति को दर्शाता है।

इसलिए जब वह 9 साल के थे उन्होंने तभी यह सोच लिया था कि मुझे खुद के पैसे कमाने हैं।

और 12 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ काम करना शुरू किया।

अपनी शारीरिक तकलीफों को ढाल ना बनाना

17 साल की उम्र में रॉनी कोलमैन 600 पाउंड्स का स्क्वाट करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी में चोट लगवा बैठे।

इसके बाद उनकी 12 सर्जरी हुईं।

वह बिना बैसाखी नहीं चल पाते थे और

उनका बॉडीबिल्डिंग करियर लगभग खत्म हो गया था।

इस अवस्था में भी उनकी मनोस्थिति कैसी थी उसका प्रमाण हमें उनके इस वाक्य से मिलता है।

“मुझे नहीं पता इसको कितना लंबा समय लगेगा मगर मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं चलूंगा और बहुत कठोर वर्कआउट करूंगा।”

अपने लक्ष्य से कभी ना भटकना

रॉनी कोलमैन काफी लंबे समय तक डोमिनोस पिज़्ज़ा में काम करते रहे।

वहां काम करते हुए उन्हें इस चीज का अनुभव हुआ कि

उनकी जिंदगी उनके मुताबिक नहीं जा रही है।

उन्हें उसे हर हाल में बेहतर करना है।

और उस जिंदगी में दोबारा ना जाने के विचार ने ही उन्हें अपने लक्ष्य से भटकने नहीं दिया।

कोलमैन लिखते हैं कि ” मुझे रोज पिज़्ज़ा खाना पड़ता था क्योंकि कुछ और खाने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। मुझे रोज ग्राहकों के ताने सुनने पड़ते थे और मुझे लगता था कि मेरी जि़न्दगी कहीं भी नहीं जा रही है। यही वह हीन भावना थी जो मुझे हर रोज़ बेहतर बनने और कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरणा देती रही।”

शुरुआत करना, भले ही वह छोटी ही क्यों न हो

मिस्टर ओलंपिया 1991 के टाइटल में कोलमैन स्टेज के पीछे सिक्योरिटी का काम कर रहे थे।

वहां उनकी मुलाकात उनके idol Lee Haney के साथ हुई।

जो उस वर्ष आठवीं बार ओलंपिया का टाइटल जीते थे।

उनसे प्रेरणा लेकर कोलमैन ’92 मिस्टर ओलंपिया के लिए प्रतिस्पर्धा में उतरे।

मगर परिणाम उनके बिल्कुल भी पक्ष में नहीं गया वह आखिरी पायदान पर आए।

उन्हें यह पता था कि प्रतिस्पर्धा में सबसे नीचे आने के बाद एक ही जगह है जहां वह जा सकते हैं और वह है ऊपर।

अपने प्रतिद्वंव्दियों का सम्मान करना

2006 में जब रॉनी कोलमैन 42 साल के थे उन्होंने अपना आखिरी बॉडीबिल्डिंग टूर्नामेंट खेला।

जे कटलर ने उन्हें हराया। उसके बाद कोलमैन कभी नहीं जीते।

कोलमैन ने अपनी किताब में जे कटलर की तारीफ करते हुए लिखा है कि

“जे कटलर इतिहास के सबसे बेहतरीन बॉडीबिल्डर्स में से एक है और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उनसे मिला।”

खुद को प्रेरित करते रहना

जब हमें बार-बार कोई एक ही चीज़ करनी होती है तो

यह स्वाभाविक है कि हम उसे करते-करते ऊब जाते हैं।

ऐसे में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है कि हम स्वयं को प्रेरित करते रहें।

कोलमैन की आत्मकथा का शीर्षक Yeah Buddy! इसी से प्रेरित है।

वह हमेशा जिम में वर्कआउट करते समय खुद को प्रेरित करने के लिए Yeah Buddy! बोलते थे।
उनके लिए यह जोशीले शब्द हमेशा काम करते थे।

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