24

क्या रुट कैनाल ट्रीटमेंट वाकई ज़रूरी होता है?

दांत का दर्द एक ऐसे प्रकार का दर्द होता है जो अत्यंत असहनीय होता है।

इससे निजात पाने हेतु हम रूट कैनाल ट्रीटमेंट करते हैं।

रूट कैनाल ट्रीटमेंट में हम बैक्टीरिया द्वारा सड़े हुए दांत का उपचार करते हैं।

हमारे दांतों में तीन प्रकार की परत होती है

  • एनामेल
  • Dentin
  • पल्प

जब बैक्टीरिया हमारे दांत के पल्प तक पहुंचता है तो हमें बहुत तीव्रता से दर्द महसूस होता है, क्योंकि पल्प nerves और वेसल्स से भरपूर होता है।

सड़न होने पर ये नसें खुल जाती हैं, यही कारण है कि हमें दांत सड़ने पर सेंसिटिविटी या ठंडा गर्म का आभास भी होता है।

अब रूट कैनाल ट्रीटमेंट में हम इसी बैक्टीरिया को जो कि दांत की जड़ तक फैल जाता है,

उसे आधुनिक तकनीक की मदद से साफ कर देते हैं और उसमें फिलिंग कर देते हैं।

इस प्रक्रिया में हमें दो से तीन अपॉइंटमेंट लग सकती हैं।

इसमें दांत को सुन्न किया जाता है जिसके पश्चात दांत के बैक्टीरिया को साफ करके, उसमें दवा डालकर, बाद में फिलिंग की जाती है।

इस प्रक्रिया में पल्प को निकाल दिया जाता है, जिससे दर्द पूरी तरह खत्म हो जाता है।

रूट कैनाल में खर्च व उससे बचाव

रूट कैनाल में इलाज नसों से संबंधित होता है

जिसके कारण यह एक महंगा इलाज हो जाता है।

इसके लिए ज़रूरी यह है कि दांत की सड़न जब इनामेल या डेंटिन तक पहुंचती है उसमें फिलिंग करवा ली जाए।

इसका मतलब यह है कि जब आपको दांतों में कालापन नज़र आये और दर्द ना हो तो जांच करवा लें।

इससे वो सड़न बढ़ेगी नहीं और खर्चा भी कम होगा।

हमें रुट कैनाल कब करवाना चाहिए?

  • दाँत में दर्द या sensitivity होना
  • चेहरे पर सूजन आना
  • दाँत के पास फु़सी होना
  • मसूड़े में सूजन आना व पस निकलना
  • दाँत का थोड़ा हिलना
  • दांतों में दरार आना या दाँत का भाग टूटना
  • दाँत में गहरी सड़न का होना

रूट कैनाल की तैयारी

  1. प्रक्रिया से पहले पूरे 24 घंटे तक शराब और तंबाकू से बचें
  2. प्रक्रिया से पहले खाएं
  3. प्रक्रिया से पहले एक दर्द निवारक दवा लें
  4. पूरी प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है और वास्तव में समग्र रूप से क्या हो रहा है। यह पूछना भी महत्वपूर्ण है कि प्रक्रिया के बाद किस प्रकार के खाद्य पदार्थ खाए जा सकते हैं।
  5. पहले और बाद में पूरी रात की नींद लें

रूट कैनाल में पल्प को क्यों निकाला जाता है?

पल्प में जब bacteria घर करता है तो वह उसे infect कर देता है। इसी के कारणवश पल्प में पस बनने लगता है।

उपचार न होने पर यह पस दूसरे दाँतों में फैलने लगती है। इससे सूजन भी बढ़ सकती है।

और अधिक समय बीतने पर दाँत की जड़ घुल सकती है और दांत निकलवाना भी पड़ सकता है।।

अतः यदि दाँत का दर्द हो तो जितनी जल्दी हो सके अपने dentist से सम्पर्क करें।

रूट कैनाल के नुकसान

यूं तो रूट कैनाल के फ़ायदे ज्यादा हैं, पर हम उसके नुकसान को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

रूट कैनाल के बाद दांत कमज़ोर हो जाता है और

उससे चाबाने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।

परन्तु दांत की मज़बूती के लिए डेंटिस्ट उस पर कैप लगाते हैं,

जिससे चबाने में आसानी होती है और दांत के दोबारा सड़ने का खतरा भी कम हो जाता है।

घरेलू नुस्खे

दांत का दर्द होने पर जो घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं वो हैं, लौंग का तेल, तंबाखू , नमक, इत्यादि।

ध्यान रखिए इनमें से कुछ नुस्खे हमारे लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं।

लौंग का तेल : ये नुस्खा सदियों पुराना है और लौंग हमारे लिए काफी उपयोगी भी होती है।

इसमें astringent effect होता है जो कि दर्द में आराम देता है।

तंबाखू : ये हमारे लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है क्योंकि इसमें निकोटीन नामक पदार्थ होता है

जो हमारी नसों को सिकोड़ देता है जिसकी वजह से हमारा दर्द कम हो जाता है।

परन्तु इसके नुकसान भी हैं क्योंकि अधिक इस्तेमाल से इसकी आदत पड़ जाती है

जिसकी वजह से पायरिया जैसी बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं व भविष्य में निरंतर सेवन से कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।

अतः समझदारी इसी में है कि हम तंबाखू से दूर रहें।

नमक : यह आसानी से उपलब्ध पदार्थ है जो हर घर में मिल जाता है। जब भी दर्द हो एक चुटकी नमक दांत पर लगा लें जिससे दर्द कम हो जाएगा।

सूजन आने पर क्या करें

जब भी दांत के दर्द के साथ-साथ सूजन आए तो बर्फ से सिकाई करें।

कभी भी गर्म सिकाई ना करें और ना ही बाम लगाएं अन्यथा सूजन और भी ज्यादा बढ़ सकती है।

बर्फ से या फ्रोज़न मटर से ठंडी सिकाई करने पर सूजन भी जाएगी और साथ ही दर्द में भी आराम मिलेगा।

अतः पूरी तरह दर्द से निजात पाने के लिए अपने डेंटिस्ट से संपर्क करें।

रूट कैनाल के बाद की सावधानी

  • रूट कैनाल के बाद सुन्न का असर रहता है जो कि एक-डेढ़ घंटे रहता है। अतः जब तक सुन्न का असर रहता है तब तक कुछ ना खाए।
  • सुन्न का असर खत्म होने पर दर्द का आभास होता है इसलिए डेंटिस्ट द्वारा दी गई दवा लें।
  • रूट कैनाल होने के दो तीन दिन तक दर्द होने की संभावना रहती है यदि इंफेक्शन ज्यादा हो तो, जो कि स्वाभाविक है। इसके लिए दर्द की दवा लें।
  • ट्रीटमेंट के दौरान जिस दाँत में इलाज चल रहा होता है उस तरफ से ना चबाकर, दूसरी तरफ से चबाएं।
  • ट्रीटमेंट के पहले, मध्य और पूरा होने के बाद अच्छी तरह से दिन में दो बार ब्रश करें।

इसी तरह की महत्त्वपूर्ण जानकारियों के लिए हमारे YouTube Channel को Subscribe करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *