यह बहुत ही प्रचलित हो चुका है कि वज़न घटाने के लिए Keto Diet करना चाहिए।
मगर क्या कीटो डाइट हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है?
कीटो डाइट, फैट की मात्रा को बढ़ाते हुए व्यक्ति के दैनिक कार्बोहाइड्रेट सेवन को सीमित करता है।
इसका उद्देश्य शरीर को कार्बोहाइड्रेट के बजाय ऊर्जा के लिए फैट जलाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
आइए जानते हैं कीटो डाइट हमारे शरीर में क्या-क्या बदलाव लेकर आती है।
Table of Contents
कीटोन क्या होते हैं?
हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए दो तरह के स्रोत होते हैं।
- ग्लूकोस
- कीटोन्स
कीटोन्स ऊर्जा का एक बहुत अच्छा स्रोत होता है।
यदि हम कार की बात करें तो कीटोन्स और ग्लूकोज उसी तरह हमारे शरीर में ऊर्जा का काम करेंगे जैसे बिजली से कार चलाना और डीज़ल से कार चलाना।
जिसमें कीटोन्स बिजली से चलने वाली कार के समान होगा।
कीटोन्स एक व्यक्ति को ग्लूकोस से कहीं ज्यादा ऊर्जा प्रदान करते हैं।
कीटोन्स शरीर में कब बनते हैं?
जब हमारे शरीर में इंसुलिन का स्तर और कार्बोहाइड्रेट या शक्कर का स्तर
बहुत अधिक कम हो जाता है (लगभग 5%) तब कीटोन सक्रिय होते हैं।
इंसुलिन की बात करें तो यह हाॅर्मोन हमारे शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।
आमतौर पर एक व्यक्ति को पूरे दिन में 2 छोटी चम्मच शुगर की ज़रूरत होती है।
जो हमारा शरीर अपने आप बना लेता है।
परंतु एक व्यक्ति दिन में 31 छोटी चम्मच जितनी शक्कर खा लेता है जो कि बहुत अधिक है।
इंसुलिन अधिक शक्कर को हमारे खून से निकालकर फैट के रूप में लिवर पर जमा कर देता है।
यह कारण बनता है फैटी लिवर कंडीशन का।
इसलिए जितने भी लोगों को फैटी लिवर होता है या हाई कोलेस्ट्रॉल होता है
वह फैट खाने से नहीं बल्कि शुगर की अत्यधिक मात्रा के कारण होता है।
कीटॉसिस में किस तरह जाया जाए?
कीटॉसिस में प्रवेश करने के लिए हमें तीन चीज़ें करना बहुत अधिक ज़रूरी है –
- कार्बोहाइड्रेट का स्तर कम करना
- खाने में फैट का स्तर बढ़ाना
- प्रोटीन एक सीमित मात्रा में लेना।
कार्बोहाइड्रेट का स्तर कम करना
हम भारतीय अपने खाने में बहुत अधिक कार्बोहायड्रेट कहते हैं। जहाँ 1 छोटी चम्मच शक्कर की ज़रुरत हमारे शरीर को होती है हम 31 चम्मच शक्कर या कार्ब्स (खाने को मिला के) एक दिन में खाते हैं।
जब तक आप अपने शरीर के उचित और विशेष कार्ब स्तर तक नहीं पहुंच जाते, तब तक आप कम कार्ब आहार के लाभों को नहीं देख और महसूस कर सकते हैं।
इसका मतलब यह नहीं है कि जैसे ही आप लो-कार्ब खाना शुरू करते हैं, आपका शरीर कैसा दिखता है, महसूस करता है और चलता है, इसमें आपको कोई अंतर नज़र नहीं आएगा।
आपको बस यह पता लगाना है कि आपको अपनी योजना के बारे में अच्छा महसूस करने के लिए क्या चाहिए और लंबे समय तक इसके साथ रहना चाहिए।
कीटोसिस में जाने के लिए यह ज़रूरी है की हम अपनी शक्कर खाने की मात्रा को कम करना बहुत आवश्यक है।
खाने में फैट का स्तर बढ़ाना
कीटोसिस में हम कार्बोहायड्रेट को कम कर देते हैं तथा अपने शरीर की ऊर्जा ग्लूकोस की जगह कैटोन्स से लेते हैं।
इसलिए यह ज़रूरी है की हम पर्याप्त मात्रा में फैट लें ताकि शरीर को ऊर्जा मिल सके।
प्रोटीन एक सीमित मात्रा में लेना
बहुत अधिक प्रोटीन लेने से भी हमारा शरीर कीटोसिस में प्रवेश नहीं कर पाता है।
जब हमारे शरीर से कार्बोहायड्रेट ख़त्म हो जाता है तब प्रोटीन से शरीर ऊर्जा प्राप्त करने लगता है।
यदि प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होगी तो शरीर फैट से ऊर्जा प्राप्त नहीं कर पायेगा और प्रोटीन ही ऊर्जा देने का कार्य करता रहेगा।
कीटॉसिस के फायदे
- यह हमारे बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
- ब्लड शुगर के स्तर को बेहतर बनाता है
- याद्दश्त मज़बूत करता है
- मुंहासें कम होते हैं
- कैंसर का खतरा कम हो जाता है
- PCOS कम हो जाता है
- पाचन क्षमता बढ़ जाती है
कीटॉसिस में सबसे महत्त्वपूर्ण बात हमें यह ध्यान में रखनी है कि हम हेल्दी फैट्स खाएं।
हेल्दी (Healthy) फैट्स में जो चीज़ें आती हैं वे हैं –
- मछली जो ओमेगा 3 फैटी एसिड का बहुत अच्छा स्रोत है
- एवोकाडो – एवोकैडो न केवल हृदय को स्वस्थ रखने वाले फैट का एक उत्कृष्ट स्रोत है, बल्कि फाइबर और आवश्यक विटामिन और मिनरल्स की एक बड़ी खुराक भी प्रदान करता है।
- पपीते के बीज, सनफ्लावर के बीज आदि
- ड्राई फ्रूट्स – अपने आहार में विभिन्न प्रकार के नट्स को शामिल करना स्वस्थ फैट, पौधों पर आधारित प्रोटीन और फाइबर के सेवन को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका है।
- ऑलिव ऑयल – हेल्थी फैट का सबसे उत्कृष्ट स्त्रोत में से एक मन जाता है।
- अंडे (yolk के साथ) – एक 56 ग्राम अंडे में लगभग 5 ग्राम फैट, 7 ग्राम प्रोटीन और 80 कैलोरी होती है।
- अलसी – अलसी ओमेगा -3 फैट, फाइबर और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले पौधों का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं।
निष्कर्ष
इस तरह देखा जाए तो कीटॉसिस हमारे शरीर के लिए एक ज्यादा स्वस्थ विकल्प है।
और वजन कम करने के लिए कीटोसिस एक बहुत बढ़िया विकल्प भी है। मगर कीटोसिस में रहते हुए ये ध्यान देने योग्य बात है कि हम अपने शरीर को पोषक तत्वों से रहित न करें।
तथा वजन कम करने के लिए एक हेल्दी कीटोसिस का विकल्प चुनें।
कीटो डाइट में रहते हुए यह बहुत ही आसान है कि हम unhealthy fat अधिक मात्रा में खाने लगें इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है की हम हेल्थी फैट को ही अपने खाने में शामिल करें।
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