यह हम सभी को पता होता है कि प्रेगनेंसी के दौरान हमें विटामिन और मिनिरल्स लेने होते हैं।
पर यदि आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रहे हैं तो यह बहुत ही अच्छा विचार है कि आप और आपके पार्टनर 6 महीने पहले से ही उसकी तैयारी करना शुरू कर दें।
यह तैयारी एक स्वस्थ प्रेगनेंसी और एक स्वस्थ बच्चे की नींव बनाती है।
इसी तैयारी का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण भाग है अपने शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करना।
आज हम ऐसे कुछ विटामिंस और मिनरल्स की बात करेंगे जिससे फर्टिलिटी बढ़ती है।
हम इन्हें दो भागों में बांट सकते हैं-
1. फैट सॉल्युबल विटामिंस
2. ट्रेस मिनिरल्स
Table of Contents
फैट सॉल्युबल विटामिंस
विकास, प्रजनन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आहार में विटामिन की आवश्यकता होती है।
विटामिन्स दो तरह के होते हैं
वाटर सॉल्युबल विटामिन और फैट सॉल्युबल विटामिन
विटामिन A, D, E, और K को फैट सॉल्युबल विटामिन कहा जाता है, क्योंकि वे कार्बनिक सॉल्वैंट्स में घुलनशील होते हैं और फैट के समान अवशोषित (absorb) और परिवहन किए जाते हैं।
हमारे शरीर में 4 तरह के फैट सॉल्युबल विटामिन पाए जाते हैं।
इनमें जो विटामिन आते हैं वे हैं
- विटामिन A – विटामिन A एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह पौधे या पशु स्रोतों से आ सकता है। पौधों के स्रोतों में रंगीन फल और सब्जियां शामिल हैं। विटामिन ए स्वस्थ दांतों, हड्डियों और सॉफ्ट टिश्यू, म्यूकस मेम्ब्रेन और त्वचा को बनाने और बनाए रखने में मदद करता है।
- विटामिन E – विटामिन E शरीर में कई अंगों के सही तरह से कार्य के लिए आवश्यक एक महत्वपूर्ण विटामिन है। यह भी एक एंटीऑक्सीडेंट है।
- विटामिन D – कैल्शियम के साथ विटामिन D हड्डियों के निर्माण और हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- विटामिन K – विटामिन K फैट में घुलनशील विटामिन के एक समूह में आता है जो रक्त के थक्के जमने, हड्डियों के मेटाबोलिज्म और रक्त के कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने में भूमिका निभाते हैं।
इनमें से जो विटामिन आपको प्रेगनेंसी के लिए मदद करेंगे वे है – विटामिन A, E और D।
ये विटामिन क्यों जरूरी है?
हमारे शरीर के cells के ऊपर एक मोटी फैट की लेयर होती है।
ये विटामिन उस फैट की लेयर के अंदर जाकर DNA और क्रोमोसोम तक पहुंच सकते हैं।
इसलिए यदि आपके शरीर में इन विटामिन की कमी है तो इनफर्टिलिटी जैसी समस्या हो सकती है।
अब जानते हैं कि हमें यह विटामिन कहां से मिलेंगे।
विटामिन के स्रोत
कॉड लिवर ऑयल – यह एक बहुत अच्छा स्रोत है विटामिन ए और विटामिन डी का।
प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान कॉड लिवर ऑयल एक बहुत ही अच्छा विटामिंस का स्रोत होता है।
अंडे – यह भी विटामिन ए का बहुत अच्छा स्रोत होता है।
इसके अलावा अंडों में choline नाम का प्रोटीन भी पाया जाता है जो हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखता है।
चीज़ और बटर में भी अच्छी मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है।
Seeds/Nuts – जितने भी तरह के सीड्स और नट्स होते हैं विटामिन E के बहुत अच्छे स्रोत होते हैं।
इनमें सभी तरह के ड्राई फ्रूट्स और सीड्स जैसे अलसी इत्यादि आते हैं।
सूर्य – विटामिन D का सबसे अच्छा स्रोत होता है।
ट्रेस मिनिरल्स
यह हमारे शरीर के वह मिनरल्स होते हैं जो बहुत ही कम मात्रा में जरूरी होते हैं।
ट्रेस तत्त्व जीवित tissue में कम मात्रा में मौजूद मिनरल्स होते हैं।
उनमें से कुछ को पौष्टिक रूप से आवश्यक माना जाता है, अन्य आवश्यक हो सकते हैं, और शेष को गैर-आवश्यक माना जाता है।
वह 2 ट्रेस मिनरल्स जो इनफर्टिलिटी की वजह बन सकते हैं वे हैं
- Zinc – जिंक में हाॅर्मोन के साथ कई मान्यता प्राप्त और जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण अंतःक्रियाएं होती हैं और व्यक्तिगत हाॅर्मोन के उत्पादन और स्टोरेज में भूमिका निभाती हैं।
- Iodine – आयोडीन एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्त्व है और थायराइड हाॅर्मोन का एक अभिन्न अंग है। भोजन और पानी में, आयोडीन बड़े पैमाने पर अकार्बनिक आयोडाइड के रूप में होता है और gastrointestinal tract के सभी स्तरों से absorb होता है।
ट्रेस मिनरल्स क्यों जरूरी हैं?
ट्रेस मिनरल्स हमारे शरीर में Enzymes को सक्रिय करने के लिए ज़रूरी होते हैं।
ये Enzymes प्रोटींस को बनाने में मदद करते हैं
जो शरीर में बढ़ते हुए बच्चे के लिए बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण है।
ट्रेस मिनिरल्स के स्त्रोत
यदि हम खाने की बात करें तो हमारे खाने में दुर्भाग्यवश यह मिनिरल ना के बराबर पाए जाते हैं।
Sea Weed जो एक तरह की समुद्री सब्जी है , इसमें कुछ मात्रा में हमें यह मिनिरल्स मिलते हैं।
इसके अलावा झींगे और सीप में भी कुछ मात्रा में यह मिनिरल्स मिलते हैं।
यदि आप शाकाहारी हैं तो आप Plant based सप्लीमेंट ले सकते हैं।
प्रीनेटल विटामिंस
जब भी आप प्री-नेटल विटामिन लेते हैं तो आप एक चीज़ सुनिश्चित कीजिए कि
उनका स्त्रोत खाना ही हो और वह कृत्रिम तरीके से ना बनाए गए हो।
क्योंकि कृत्रिम तरीके से बनाए जाने वाले विटामिन पेट्रोलियम, केमिकल आदि चीज़ों से बनते हैं।
तो जब भी आप विटामिंस खरीदते हैं, उसमें यह सुनिश्चित कीजिए कि उनका स्त्रोत लिखा हुआ हो।
निष्कर्ष
हमारे शरीर में पाए जाने वाले सेल्स या कोशिकाएं एक बहुत ही मोठे फैट की परत से ढकी हुई होती है।
इन परतों के अंदर तक जाने के बाद ही सारी प्रक्रियां शुरू होती हैं चाहे वो ऊर्जा उत्पादन हो या फर्टिलाइजेशन हो।
इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फैट सोलुब्ले विटामिन्स बहुत ही आवश्यक होते हैं।
इन्ही विटामिन्स के जरिये सेल्स की मोती फैट की परत को भी जा सकता है और सेल के अंदर तक पहुंचकर सभी प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है के हम अपने शरीर में विटामिन A, E, D की कमी न होने दें और नियमित रूप से इनके स्तर का ध्यान रखें।
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