क्या आपको सुबह उठकर तरोताजा महसूस होता है?
या फिर चिड़चिड़ापन थकान और दोबारा सो जाने का मन होता है?
अगर आप भी सुबह उठकर ताजा महसूस नहीं करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए हैं।
Table of Contents
अच्छी नींद ना होने की वजह
हमारी रात को नींद अच्छी थी या नहीं
इसका सबसे अच्छा संकेत होता है कि
हम सुबह उठकर और पूरे दिन कैसा महसूस कर रहे हैं।
सुबह उठकर तरोताजा महसूस करने और अच्छी नींद लेने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण कारक होता है
वह है मेलाटोनिन (Melatonin) हॉरमोन।
जो स्लीप हॉरमोन भी कहलाता है।
यह हार्मोन अंधेरे में सक्रिय होता है।
जब हमारी आंखों को रोशनी नहीं मिलती है तब
हमारे दिमाग में पीनियल ग्लैंड सेरोटोनिन को मेलाटोनिन में बदलता है।
इसके कारण आप थकान महसूस करते हैं और आपको नींद आती है।
वहीं दिन की रोशनी में दिमाग मेलाटोनिन को बनने से रोक देता है।
मेलाटोनिन हमारे इम्यून सिस्टम के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इसके अलावा मेलाटोनिन एक बहुत ही अच्छा anti-oxidant भी है
जो हमारे शरीर में free radicals के द्वारा नुकसान होने से बचाता है।
बढ़ती उम्र के साथ मेलाटोनिन शरीर में कम होता जाता है।
जिसके कारण नींद खराब होती है और हमारा इम्यून सिस्टम भी गड़बड़ाने लगता है।
इसलिए अच्छी नींद का यह सबसे आसान तरीका है कि हम मेलाटोनिन को शरीर में सोने से पहले बढ़ाएं।
अगर हम सोने के समय की बात करें तो सबसे अच्छा समय होता है
रात को 10:00 से 11:00 के बीच में।
मेलाटोनिन बढ़ाने के तरीके
#1 अंधेरा
जब भी आप सोने जाएं तो सारी तरह की लाइट बंद रखें।
आपके चारों तरफ अंधेरा होना जरूरी है।
अंधेरा मेलाटोनिन को सक्रिय करता है।
मेलाटोनिन शरीर की प्राकृतिक नींद के लिए सहायता करता है, जो केवल तभी उत्पन्न होती है जब सभी कृत्रिम और प्राकृतिक प्रकाश चले जाते हैं और कमरे में जितना संभव हो उतना अंधेरा होता है।
#2 फ्लोराइड (Fluorides)
अच्छी नींद के लिए हमारे शरीर में फ्लोराइड की मात्रा कम होनी चाहिए।
आहार और पर्यावरणीय स्रोतों से फ्लोराइड शरीर के कैल्शियम युक्त क्षेत्रों जैसे पीनियल ग्लैंड में केंद्रित हो सकता है।
पीनियल ग्लैंड मेलाटोनिन को बनाने में मदद करता है, एक हार्मोन जो नींद के चक्र को नियंत्रित करता है।
फ्लोराइड हमारे शरीर में पानी के माध्यम से जाता है।
इसलिए हम जो पानी लेते हैं उसमें सुनिश्चित करें की उसमें फ्लोराइड की मात्रा बहुत ही कम हो।
#3 ग्लाइसिन (Glycine)
ग्लाइसिन एक अमीनो एसिड होता है जिसका मेलाटोनिन पर बहुत ही अनुकूल प्रभाव होता है।
शोध से पता चलता है कि ओरल ग्लाइसिन सेरोटोनिन को बढ़ाता है, अनिद्रा के लक्षणों को कम करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
अच्छी नींद के लिए हम रात को 1 से 2 ग्राम ग्लाइसिन ले सकते हैं।
#4 ब्लू लाइट
ब्लू लाइट हमारे मोबाइल लैपटॉप और टीवी स्क्रीन के माध्यम से हमारे आंखों में प्रवेश करती हैं।
शाम को नीली रोशनी आपके मस्तिष्क को सोचने पर मजबूर कर देती है कि यह दिन है, जो मेलाटोनिन के उत्पादन को रोकता है और नींद की मात्रा और गुणवत्ता दोनों को कम करता है।
साथ ही हमारी आँखों पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
#5 धूप और विटामिन डी
मेलाटोनिन और विटामिन डी एक दूसरे के विरोधी हैं।
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि दिन में हम धूप ले ताकि
इतनी देर तक हम मेलाटोनिन को बनने का समय दे सकें।
तो जब हम रात को अंधेरे में सोने जाएं तो मेलाटोनिन सक्रिय हो सके।
यह 1 तरह के on/off स्विच जैसा होता है ।
#6 Stress (तनाव)
जिस तरह से भी हो सके हमें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से तनाव को दूर रखना चाहिए।
तनाव और नींद का गहरा संबंध है। तनाव नींद की गुणवत्ता और अवधि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जबकि अपर्याप्त नींद तनाव के स्तर को बढ़ा सकती है।
स्ट्रेस मेलाटोनिन को बनने से रोकता है।
इसलिए जितना हो सके हमें स्ट्रेस देने वाली चीजों और लोगों से बचना चाहिए।
#7 अपने कमरे को ठंडा रखिए
जब हमारे कमरे का तापमान कम होता है हमें उससे अच्छी नींद आती है।
ठंडे कमरे में सोने से आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और यहां तक कि आपको अनिद्रा से निपटने में भी मदद मिल सकती है।
वैज्ञानिक इसे इस तथ्य से जोड़ते हैं कि रात में हमारे शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से गिर जाता है। इसलिए, मेटाबोलिज्म दर धीमी हो जाती है, और हम नींद के दौरान कम ऊर्जा खर्च करते हैं।
कम तापमान भी मेलाटोनिन को सक्रिय होने में मदद करता है।
#8 EMFs (electromagnetic fields)
EMF हमारे कमरे के आसपास इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड को दर्शाता है।
आज के समय में यह अच्छी नींद ना ले पाने का सबसे बड़ा कारण है।
EMF की वजह से इंसोम्निया (न सो पाने की बीमारी) होने का खतरा रहता है।
इसके लिए हमे ध्यान रखना पड़ता है कि
सोने से पहले हमें सभी उपकरणों को बंद करना ही चाहिए।
सभी तरह के स्विचेस, मोबाइल फ़ोन्स तथा सभी तरह के बिजली वाले उपकरण।
इन सभी चीज़ो को आप अपनी ज़िंदगी में ढालके देखिये और इसका असर हमें कमेंट में ज़रूर बताइये कि इससे आपकी नींद की समस्या में कितना आराम आया। सोने के टिप्स के लिए इस आर्टिकल को भी ज़रूर पढ़िए।
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